इंडिगो एयरलाइंस के संचालन को लेकर जारी विवाद के बीच डीजीसीए ने प्रारंभिक जांच में बड़ी कार्रवाई की है। शुक्रवार को मिली शुरुआती रिपोर्ट में कुछ अधिकारियों की लापरवाही सामने आने के बाद महानिदेशालय नागिरक उड्डयन ने इंडिगो की निगरानी करने वाले अपने चार फ्लाइट ऑपरेशन इंस्पेक्टरों को पद से हटा दिया।
डीजीसीए ने 4 इंस्पेक्टरों को किया सस्पेंड
ये सभी इंस्पेक्टर इंडिगो की उड़ानों की सुरक्षा जांच और ऑपरेशनल मॉनिटरिंग से जुड़े थे। माना जा रहा है कि सुरक्षा और निगरानी के दौरान गंभीर चूक सामने आने पर DGCA को यह कार्रवाई करनी पड़ी। चारों अधिकारी कॉन्ट्रैक्ट पर कार्यरत थे और इंडिगो की सुरक्षा एवं ऑपरेशनल ओवरसाइट की जिम्मेदारी उन्हीं पर थी।
इससे पहले, दिल्ली हाईकोर्ट ने फ्लाइट संचालन में बाधा और यात्रियों की परेशानियों पर केंद्र सरकार और DGCA से कड़े सवाल पूछे थे। कोर्ट ने जानना चाहा कि ऐसी अव्यवस्था अचानक क्यों पैदा हुई और यात्रियों की सहायता के लिए क्या कदम उठाए गए। अदालत ने यह भी सवाल किया कि एयरपोर्ट पर फंसे यात्रियों की परेशानी दूर करने के लिए कौन-सी व्यवस्थाएँ लागू की गईं।
दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को लगाई फटकार
दिल्ली हाईकोर्ट ने टिप्पणी की कि यह मामला केवल यात्रियों की असुविधा भर नहीं है, बल्कि इसमें आर्थिक नुकसान और सिस्टम की विफलता भी शामिल है। अदालत ने पूछा कि प्रभावित यात्रियों को मुआवजा देने के लिए क्या प्रक्रिया अपनाई गई और एयरलाइन स्टाफ की जिम्मेदारी सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए गए।
टिकटों में भारी बढ़ोतरी को लेकर भी कोर्ट ने गंभीर सवाल किए। अदालत ने कहा कि ₹5,000 का टिकट ₹30,000–35,000 तक कैसे पहुंच गया? संकट के समय अन्य एयरलाइंस को इतना लाभ कमाने की अनुमति कैसे मिल गई?
इसके जवाब में ASG चेतन शर्मा ने कहा कि पूरा नियामकीय सिस्टम लागू है और केंद्र सरकार लंबे समय से FDTL को सख्ती से लागू करने का प्रयास कर रही थी, लेकिन एयरलाइंस ने जुलाई और नवंबर चरणों में राहत मांगी थी। उन्होंने बताया कि यह पहला मौका है जब मंत्रालय ने हस्तक्षेप कर किराए की सीमा तय की, जो कि एक महत्वपूर्ण नियामकीय कदम है।